Tuesday, 28 November 2017

शिव के श्राप से यहां पत्थर बन गए थे देवी देवता :- Unakoti

त्रिपुरा की राजधानी अगरतल्ला से 178 किलोमीटर दूर है उनाकोटी, जिसका शाब्दिक अर्थ है करोड़ में एक कम।


यहां मौजूद है निन्यावे लाख निन्यानवे हज़ार नौ सौ निन्यानवे मूर्तियां। ये मूर्तियां किसने बनाई और कैसे ? ये आज भी रहस्य बना हुआ है, आखिर इस जंगल मे ऐसी खूबसूरत मूर्तियां बनाई किसने और क्यों ?


कई अार्कियोलॉजिस्ट का कहना है कि ये मूर्तियां कई मूर्तिकारों द्वारा अलग-अलग समय पर काफी सावधानी से बनाई गई हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक, एक बार भगवान शिव एक करोड़ देवी देवताओं के साथ काशी जा रहे थे, तब रात में सभी देवी-देवताओं ने उनाकोटी में रुकने का फैसला किया, लेकिन महादेव ने सभी को सूर्योदय से पहले स्थान छोड़ देने की बात कही, सूर्योदय के समय केवल भगवन शिव ही जग पाये और और इससे कुंठित होकर भगवान शिव ने सबको शाप दे दिया की वे सभी मूर्तियां हो जाएं, जिसके कारण सारे देवी-देवता पत्थर में बदल गए इसलिए, यहां एक करोड़ में एक कम मूर्ति है और इस जगह का नाम पड़ गया उनाकोटी। वहीं, एक दंत कथा के अनुसार उनाकोटी में कल्लू कुम्हार नामक भगवान शम्भू का बहुत ही बड़ा भक्त रहता था , जो मूर्तिकार था। कई वर्षों की तपस्या के बाद उसने भगवान से ये वर मांगा कि वे उसको अपने साथ कैलाश ले चलें, वो उनके साथ ही रहेगा, तब भगवान ने ये शर्त रखी कि अगर वो एक रात में एक करोड़ भगवान शिव की मूर्ति बना देता है, तो वो उसे अपने साथ कैलाश ले जा सकते है, लेकिन वो करोड़ में एक कम मूर्ति बना पाया, जिसके चलते वो भगवान शिव के साथ जाने में असफल रहा।

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